एक पडित जी थे , नाम उनका था भोला। पढ़े लिखे कुछ ख़ास न थे , परन्तु पुरे क्षेत्र में उनकी पंडिताई का खूब रोब था। पुरे गांव की जजमानिका वह ही सम्हालते थे। दूसरे गांव का भूले भटके अगर
एक चिड़िया थी, जो रोज दाना चुगने के लिए अपने बच्चों को घोंसले में छोड़कर, दूर जंगलों के पार बस्तियों में जाया करती थी। एक दिन किसी घुरे पर उसने एक चने का दाना पाई। वह उसे लेकर चक्की में
एक राजा था उसकी सात रानियां थी। उस राजा की कोई संतान नहीं थी इस कारण वह बड़ा ही उदास रहता था। एक दिन उस राजा के राज्य में एक ब्राह्मण आए और राजा को एक फल दिए और बोले